ये मो'जिज़ा हमारे ही तर्ज़-ए-बयाँ का था By Sher << हमारे मर्ग पे शादी अबस अग... तुम से मिलने का बहाना तक ... >> ये मो'जिज़ा हमारे ही तर्ज़-ए-बयाँ का था उस ने वो सुन लिया था जो हम ने कहा न था Share on: