वक़्त अब दस्तरस में है 'अख़्तर' By वक़्त, Sher << आने वाले कल की ख़ातिर हर ... मैं घर को फूँक रहा था बड़... >> वक़्त अब दस्तरस में है 'अख़्तर' अब तो मैं जिस जहान तक हो आऊँ Share on: