अल्लाह-रे नाज़ुकी कि जवाब-ए-सलाम में By Sher << ये रौशनी तिरे कमरे में ख़... मिरे ख़याल की पर्वाज़ बस ... >> अल्लाह-रे नाज़ुकी कि जवाब-ए-सलाम में हाथ उस का उठ के रह गया मेहंदी के बोझ से Share on: