यूँ निभाता हूँ मैं रिश्ते 'आलोक' By Sher << हमें भी आज ही करना था इंत... चाहता है वो कि दरिया सूख ... >> यूँ निभाता हूँ मैं रिश्ते 'आलोक' बे-गुनाही की सज़ा हो जैसे Share on: