रस्ते की ऊँच नीच से वाक़िफ़ तो हूँ 'अमीं' By Sher << अबस है राज़ को पाने की जु... मुझे यक़ीं है मिरा साथ दे... >> रस्ते की ऊँच नीच से वाक़िफ़ तो हूँ 'अमीं' ठोकर क़दम क़दम पे मगर खा रहा हूँ मैं Share on: