सादा समझो न इन्हें रहने दो दीवाँ में 'अमीर' By Sher << वो अहद-ए-जवानी वो ख़राबात... नहीं बुझती है प्यास आँसू ... >> सादा समझो न इन्हें रहने दो दीवाँ में 'अमीर' यही अशआर ज़बानों पे हैं रहने वाले Share on: