अनासिर की घनी ज़ंजीर है By अनासिर, Sher << आया बसंत फूल भी शो'लो... क़ुमक़ुमों की तरह क़हक़हे... >> अनासिर की घनी ज़ंजीर है सो ये हस्ती की इक ताबीर है Share on: