अंदाज़ हू-ब-हू तिरी आवाज़-ए-पा का था By Sher << इश्क़ तो अपने लहू में ही ... ख़्वाब ही ख़्वाब की ताबीर... >> अंदाज़ हू-ब-हू तिरी आवाज़-ए-पा का था देखा निकल के घर से तो झोंका हवा का था Share on: