अँधेरा इतना नहीं है कि कुछ दिखाई न दे By Sher << बाम ओ दर ओ दीवार को ही घर... अब्र आँखों से उठे हैं तिर... >> अँधेरा इतना नहीं है कि कुछ दिखाई न दे सुकूत ऐसा नहीं है जो कुछ सुनाई न दे Share on: