अनजाने लोगों को हर सू चलता फिरता देख रहा हूँ By Sher << आँख से आँख जब नहीं मिलती चढ़ा हुआ था वो दरिया अगर ... >> अनजाने लोगों को हर सू चलता फिरता देख रहा हूँ कैसी भीड़ है फिर भी ख़ुद को तन्हा तन्हा देख रहा हूँ Share on: