ऐ आसमान हर्फ़ को फिर ए'तिबार दे By Sher << ग़ैर तो आँसू पोछेंगे तुझ से पर्दा नहीं मिरे ग़... >> ऐ आसमान हर्फ़ को फिर ए'तिबार दे वर्ना हक़ीक़तों को कहानी लिखेंगे लोग Share on: