जागती आँख से जो ख़्वाब था देखा 'अनवर' By Sher << रास्ता रोक लिया मेरा किसी... उसे अजब था ग़ुरूर-ए-शगुफ़... >> जागती आँख से जो ख़्वाब था देखा 'अनवर' उस की ताबीर मुझे दिल के जलाने से मिली Share on: