कोई भी पेचीदगी हाएल नहीं अनवर-'सदीद' By Sher << आईना ले के देख ज़रा अपने ... अब देख ले कि सीना भी ताज़... >> कोई भी पेचीदगी हाएल नहीं अनवर-'सदीद' ज़िंदगी है सामने मंज़र-ब-मंज़र और मैं Share on: