अपना तो तूल-ए-उम्र से घबरा गया है जी By Sher << ये लोग इश्क़ में सच्चे नह... रात भर शम्अ' जलाता हू... >> अपना तो तूल-ए-उम्र से घबरा गया है जी घर पहुँचें हम तमाम भी हो ये सफ़र कहीं Share on: