अपनी आँखों के समुंदर में उतर जाने दे By Sher << सर्द रातों की हवा में उड़... क्या मिला जुज़ सुकूत-ए-बे... >> अपनी आँखों के समुंदर में उतर जाने दे तेरा मुजरिम हूँ मुझे डूब के मर जाने दे Share on: