अपनी ही ज़ात के सहरा में आज By Sher << अंग अंग से रंग रंग के फूल... कितनी ख़ुश-हाल है सारी दु... >> अपनी ही ज़ात के सहरा में आज लोग चुप-चाप जला करते हैं Share on: