अपनी ही रवानी में बहता नज़र आता है By Sher << घर घर है सहमा सहमा सा जान... सुलग रहा हूँ ख़ुद अपनी ही... >> अपनी ही रवानी में बहता नज़र आता है ये शहर बुलंदी से दरिया नज़र आता है Share on: