अपनी ज़बाँ तो बंद है तुम ख़ुद ही सोच लो By Sher << ख़्वाब का रिश्ता हक़ीक़त ... अभी मस्जिद-नशीन-ए-तारुम-ए... >> अपनी ज़बाँ तो बंद है तुम ख़ुद ही सोच लो पड़ता नहीं है यूँही सितम-गर किसी का नाम Share on: