अपनी कमर से आप ही बाँधे सफ़र तमाम By Sher << हस्ती के भयानक नज़्ज़ारे ... अब उसी आग में जलते हैं जि... >> अपनी कमर से आप ही बाँधे सफ़र तमाम फिर यूँ हुआ कि मैं कभी अपना नहीं बना Share on: