अपनी नाकामियों पे आख़िर-ए-कार By Sher << देखा है मुझे अपनी ख़ुशामद... मद्धम मद्धम साँस की ख़ुश-... >> अपनी नाकामियों पे आख़िर-ए-कार मुस्कुराना तो इख़्तियार में है Share on: