बस वही अश्क मिरा हासिल-ए-गिर्या है 'अक़ील' By Sher << अब भी कुछ लोग मोहब्बत पे ... बे-वफ़ा तुम बा-वफ़ा मैं द... >> बस वही अश्क मिरा हासिल-ए-गिर्या है 'अक़ील' जो मिरे दीदा-ए-नमनाक से बाहर है अभी Share on: