दिल में 'असग़र' के ख़ुशियों की बरसात थी By Sher << ऐ चारागरो पास तुम्हारे न ... ग़ुबार सा है सर-ए-शाख़-सा... >> दिल में 'असग़र' के ख़ुशियों की बरसात थी हँसते हँसते वो क्यूँ ग़म-ज़दा हो गया Share on: