शहर तो कब का जल चुका 'असग़र' By Sher << लोग अच्छों को भी किस दिल ... आ गया दिल जो कहीं और ही स... >> शहर तो कब का जल चुका 'असग़र' उठ रहा है मगर धुआँ अब तक Share on: