अतवार उस के देख के आता नहीं यक़ीं By Sher << हिजरत की घड़ी हम ने तिरे ... बे-सबब 'राग़िब' त... >> अतवार उस के देख के आता नहीं यक़ीं इंसाँ सुना गया है कि आफ़ाक़ में रहा Share on: