और कुछ तोहफ़ा न था जो लाते हम तेरे नियाज़ By Sher << बंदा बुतों का किस के कहे ... असर होवे न होवे पर बला से... >> और कुछ तोहफ़ा न था जो लाते हम तेरे नियाज़ एक दो आँसू थे आँखों में सो भर लाएँ हैं हम Share on: