औरों की मोहब्बत के दोहराए हैं अफ़्साने By Sher << देखे हैं बहुत हम ने हंगाम... ऐसा न हो ये दर्द बने दर्द... >> औरों की मोहब्बत के दोहराए हैं अफ़्साने बात अपनी मोहब्बत की होंटों पे नहीं आई Share on: