अव्वल अव्वल ख़ूब दौड़ी कश्ती-ए-अहल-ए-हवस By Sher << बंदगी कीजिए मगर किस की ऐसे बोहतान लगाए कि ख़ुदा ... >> अव्वल अव्वल ख़ूब दौड़ी कश्ती-ए-अहल-ए-हवस आख़िर आख़िर डूब मरने का मक़ाम आ ही गया Share on: