नज़्अ' का वक़्त है बैठा है सिरहाने कोई By Sher << पैदा वो बात कर कि तुझे रो... मुसीबत थी हमारे ही लिए क्... >> नज़्अ' का वक़्त है बैठा है सिरहाने कोई वक़्त अब वो है कि मरना हमें मंज़ूर नहीं Share on: