बात से बात की गहराई चली जाती है By Sher << बस इक पुकार पे दरवाज़ा खो... अपनी मंज़िल पे पहुँचना भी... >> बात से बात की गहराई चली जाती है झूट आ जाए तो सच्चाई चली जाती है Share on: