बात तो जब है फ़स्ल-ए-जुनूँ में दीवाने तो दीवाने By Sher << मुझ को मालूम है महबूब-परस... दिल में कोई ख़ुशी नहीं ले... >> बात तो जब है फ़स्ल-ए-जुनूँ में दीवाने तो दीवाने अहल-ए-ख़िरद भी रक़्स करें ज़ंजीरों की झंकारों पर Share on: