बड़ा मज़ा हो जो महशर में हम करें शिकवा By Sher << बहुत रोया हूँ मैं जब से य... बात तक करनी न आती थी तुम्... >> बड़ा मज़ा हो जो महशर में हम करें शिकवा वो मिन्नतों से कहें चुप रहो ख़ुदा के लिए Share on: