बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है By Sher << ख़्वाब तुम्हारे आते हैं ठहर गया है दिल का जाना >> बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है उसे गले से लगाए ज़माना हो गया है Share on: