बदन ने छोड़ दिया रूह ने रिहा न किया By Sher << मेरी आँखों में हुए रौशन ज... वही दिन है हमारी ईद का दि... >> बदन ने छोड़ दिया रूह ने रिहा न किया मैं क़ैद ही में रहा क़ैद से निकल के भी Share on: