बढ़ाना हाथ पकड़ने को रंग मुट्ठी में By Sher << मैं तो इस वास्ते चुप हूँ ... अब के रूठे तो मनाने नहीं ... >> बढ़ाना हाथ पकड़ने को रंग मुट्ठी में तो तितलियों के परों का दराज़ हो जाना Share on: