बगूला बन के समुंदर में ख़ाक उड़ाना थी By Sher << आप की याद आती रही रात भर जहाँ तक डूबने का डर है तु... >> बगूला बन के समुंदर में ख़ाक उड़ाना था कि लहर लहर मुझे तुंद-ख़ू भी होना था Share on: