बाहर का धन आता जाता असल ख़ज़ाना घर में है By Sher << बोले नहीं वो हर्फ़ जो ईमा... बड़ी आरज़ू थी हम को नए ख़... >> बाहर का धन आता जाता असल ख़ज़ाना घर में है हर धूप में जो मुझे साया दे वो सच्चा साया घर में है Share on: