बहला न दिल न तीरगी-ए-शाम-ए-ग़म गई By Sher << उस को देखा तो ये महसूस हु... धुएँ से आसमाँ का रंग मैला... >> बहला न दिल न तीरगी-ए-शाम-ए-ग़म गई ये जानता तो आग लगाता न घर को मैं Share on: