बहुत दिनों में तग़ाफ़ुल ने तेरे पैदा की By Sher << ये सब रंगीनियाँ ख़ून-ए-तम... क्या सुन चुके हैं आमद-ए-फ... >> बहुत दिनों में तग़ाफ़ुल ने तेरे पैदा की वो इक निगह कि ब-ज़ाहिर निगाह से कम है Share on: