बहुत से लोगों को मैं भी ग़लत समझता हूँ By Sher << ख़्वाब के आगे शिकस्त-ए-ख़... फ़रिश्ता है तो तक़द्दुस त... >> बहुत से लोगों को मैं भी ग़लत समझता हूँ बहुत से लोग मुझे भी बुरा बताते हैं Share on: