बजा कि रौनक़-ए-महफ़िल अभी उरूज पे है By Sher << शोख़ियाँ मासूमियत स्कूल झ... काश मैं तेरी मुलाक़ात को ... >> बजा कि रौनक़-ए-महफ़िल अभी उरूज पे है मैं क्या करूँ मिरी ख़ल्वत बुला रही है मुझे Share on: