बाज़ार जहाँ में कोई ख़्वाहाँ नहीं तेरा By Sher << अटा है शहर बारूदी धुएँ से फ़रिश्तों से भी अच्छा मैं... >> बाज़ार जहाँ में कोई ख़्वाहाँ नहीं तेरा ले जाएँ कहाँ अब तुझे ऐ जिंस-ए-वफ़ा हम Share on: