बाक़ी है अब भी तर्क-ए-तमन्ना की आरज़ू By तमन्ना, Sher << मिरी ख़ामोशियों की झील मे... अमीर-ए-कारवाँ है तंग हम स... >> बाक़ी है अब भी तर्क-ए-तमन्ना की आरज़ू क्यूँकर कहूँ कि कोई तमन्ना नहीं मुझे Share on: