बाल अपने उस परी-रू ने सँवारे रात भर By ज़ुल्फ़, Sher << कभी मैं जुरअत-ए-इज़हार-ए-... मैं हैराँ हूँ कि क्यूँ उस... >> बाल अपने उस परी-रू ने सँवारे रात भर साँप लोटे सैकड़ों दिल पर हमारे रात भर Share on: