बाम-ओ-दर पर उतरने वाली धूप By Sher << चाक-ए-दिल से झाँकिए दुनिय... वो मेरी राह में काँटे बिछ... >> बाम-ओ-दर पर उतरने वाली धूप सब्ज़ रंग-ए-मलाल रखती है Share on: