बन न पाया हीर, राँझा अब भी राँझा है बहुत By Sher << बस एक लम्स कि जल जाएँ सब ... बदन फिर से उगा लेगी ये मि... >> बन न पाया हीर, राँझा अब भी राँझा है बहुत देख वारिस-शाह तेरी हीर आधी रह गई Share on: