बनाया तोड़ के आईना आईना-ख़ाना By आईना, Sher << इसी ख़याल में दिन-रात मैं... आँखें ही मिलाती हैं ज़मान... >> बनाया तोड़ के आईना आईना-ख़ाना न देखी राह जो ख़ल्वत से अंजुमन की तरफ़ Share on: