बंद कर के मिरी आँखें वो शरारत से हँसे By Sher << तितलियाँ उड़ती हैं और उन ... इश्क़ की बेताबियों पर हुस... >> बंद कर के मिरी आँखें वो शरारत से हँसे बूझे जाने का मैं हर रोज़ तमाशा देखूँ Share on: