बारहा ठिठका हूँ ख़ुद भी अपना साया देख कर By Sher << चमन के रंग-ओ-बू ने इस क़द... अलमारी में तस्वीरें रखता ... >> बारहा ठिठका हूँ ख़ुद भी अपना साया देख कर लोग भी कतराए क्या क्या मुझ को तन्हा देख कर Share on: