बरसों हुए तुम कहीं नहीं हो By Sher << बस्ती में कुछ लोग निराले ... बहुत दिन ब'अद 'ज़... >> बरसों हुए तुम कहीं नहीं हो आज ऐसा लगा यहीं कहीं हो Share on: