बस एक बार मनाया था जश्न-ए-महरूमी By महरूमी, Sher << बे-नवा हैं कि तुझे सौ-ओ-न... बड़े ताबाँ बड़े रौशन सिता... >> बस एक बार मनाया था जश्न-ए-महरूमी फिर उस के बाद कोई इब्तिला नहीं आई Share on: